
आज के ट्रेडिंग सत्र में सोना ने इतिहास रच दिया – 10 ग्राम का दाम पहली बार ₹1,16,000 पार कर गया। यह उछाल मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को कई बड़े शहरों में महसूस किया गया, जहाँ मुंबई के 24‑कैरट गोल्ड ने रु 11,719 प्रति ग्राम और 22‑कैरट ने रु 10,742 प्रति ग्राम दर्ज किया। इस ऊँचाई को समझने के लिए हमें पीछे की कीमत‑परिवर्तन की कहानी, बाजार के प्रमुख खिलाड़ी और आने वाले त्योहारी सीजन का असर देखना पड़ेगा।
बाजार की पृष्ठभूमि: क्यों आज इतना उछाल?
जैसे ही AngelOne ने अपना विस्तृत दैनिक रिपोर्ट जारी किया, सारी आँखें भारत के बॉहिलियन बाजार पर टिकी थीं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव, यूएसडी की हल्की कमजोरी और भारतीय रुपये की स्थिरता ने निवेशकों को सोने की ओर झुकाया। साथ ही, रवीन्द्र मेहता, प्रमुख विश्लेषक AngelOne ने कहा, “गोल्ड को हमेशा ‘सुरक्षित आश्रय’ माना गया है, और इस साल की मौसमी मांग ने इसे और भी मज़बूत किया है।”
स्पॉट कीमतें: नंबरों में क्या दिख रहा है?
- 24‑कैरट सोना: ₹11,719/ग्राम (मुंबई), कुल 10 ग्राम के लिए ₹1,16,900
- 22‑कैरट सोना: ₹10,742/ग्राम (मुंबई), 10 ग्राम के लिए ₹1,07,420
- 24‑कैरट 999 शुद्धता: ₹11,989/ग्राम, 100 ग्राम पर ₹11,98,900
- चांदी: ₹144,387/किलोग्राम, सोमवार के ₹144,100 से 0.2 % ऊपर
इन आंकड़ों का अंतर कई कारणों से आया। पहले, India Bullion and Jewellers Association (IBJA) ने बताया कि सोमवार को 24‑कैरट 10 ग्राम की कीमत ₹115,292 पर शुरू हुई और शाम तक ₹115,454 तक पहुँच गई। बुधवार को थोड़ी गिरावट के बाद, अगले दिन की सुबह की शुरुआती कीमतें लगभग ₹115,300 पर थीं, लेकिन दोपहर में फिर से उछलकर नया रिकॉर्ड बन गया।
देश‑व्यापी प्रतिक्रिया: कौन‑कौन से शहर निगरानी में?
मुंबई के अलावा, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाजारों ने भी समान गति दर्ज की। कई ज्वेलरियों ने कहा कि यद्यपि सुबह के सत्र में थोड़ी गिरावट देखी गई, लेकिन शाम तक कीमतें फिर से ऊपर चली गईं, जिससे आजकल के “वोलैटिलिटी” शब्द को सही साहारा मिला।
त्योहारी माहौल: दशहरा की रौनक और सोने की माँग
इस दशहरा (दुर्गा पूजा) के मौसम में सोने की खरीदारी अक्सर बढ़ती है – पुरानी परम्परा के अनुसार लोग नई शॉपिंग के साथ घर में धूप और समृद्धि लाते हैं। दुर्गा पूजाभारत के आसपास की उत्सव‑भरी खरीदारी ने निश्चित रूप से इस कीमत‑उछाल को तेज किया। ज्वैलर्स ने बताया कि ग्राहकों ने “गोल्ड की कीमतों का जल्द‑बाज़ी” वाला माहौल महसूस किया, इसलिए उन्होंने स्टॉक पहले ही भर ली है।

विशेषज्ञों की राय: क्या यह स्थायी रहेगा?
बाजार विश्लेषक प्रीति कुमारी, आर्थिक विशेषज्ञ AajTak ने कहा, “क्योंकि RBI ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है और मौद्रिक नीति अभी भी थोड़ा सख्त है, इसलिए सोने की मांग मध्यम‑से‑उच्च स्तर पर बनी रहेगी।” वह यह भी जोड़ती हैं कि यदि अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने अपनी नीति को सख्त रखा, तो वैश्विक सोना और भी महँगा हो सकता है।
आगे क्या सम्भावित है? बाजार की भविष्यवाणी
आने वाले हफ्तों में दो मुख्य कारक कीमतों को दिशा देंगे:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें – तेल बढ़े तो डॉलर सस्ता, सोना महँगा।
- स्थानीय उत्सव‑धर्म – दशहरा के बाद, दीपावली की खरीदारी के साथ सोने की माँग फिर से तेज हो सकती है।
अभी के संकेत यह दिखा रहे हैं कि यदि मौद्रिक माहौल स्थिर रहता है, तो निरंतर घातीय वृद्धि की संभावना है, लेकिन कोई भी अचानक नीति बदलाव या वैश्विक आर्थिक मंदी कीमतों को नीचे धकेल सकती है।
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए प्रमुख टिप्स
१. यदि आप पहली बार सोना खरीद रहे हैं, तो 22‑कैरट से शुरू करें – प्रीमियम कम, लेकिन रिटर्न अच्छा। २. छोटे‑छोटे डेज़ी (जैसे 8 ग्राम) में खरीदें – अगर कीमतें घटें तो नुकसान सीमित रहेगा। ३. दीर्घकालिक निवेश के लिए 24‑कैरट को प्रॉक्सी बनाकर रखें – यह हेज की तरह काम करता है। ४. चांदी को पोर्टफोलियो में जोड़ें – यह एंटी‑इन्फ्लेशन टूल के तौर पर काम करता है।
Frequently Asked Questions
सोने की कीमत में इस उछाल का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारणों में वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव, अमेरिकी डॉलर की हल्की कमजोरी, और भारतीय रुपये की स्थिरता शामिल हैं। साथ ही, दशहरा‑दीपावली सीजन की खरीदारी की उम्मीद ने निवेशकों को सुरक्षित आश्रय के तौर पर सोना चुनने पर मजबूर किया।
कौन सी शहरों में सबसे तेज़ कीमत वृद्धि देखी गई?
मुंबई ने सबसे अधिक कीमतें दर्ज कीं (24‑कैरट ₹11,719/ग्राम), उसके बाद दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के प्रमुख बाजारों में समान उछाल देखा गया। ये शहर अक्सर राष्ट्रीय मूल्य निर्धारण के बेंचमार्क के रूप में काम करते हैं।
चांदी की कीमतें भी बढ़ी, क्या यह सामान्य है?
हाँ, सोने के साथ चांदी अक्सर समान दिशा में चलती है। 30‑सितंबर को कीमत ₹144,100 से बढ़कर ₹144,387 प्रति किलोग्राम हो गई, जो लगभग 0.2 % की वृद्धि है। यह बाजार के समग्र उत्साह को दर्शाता है।
निवेशकों को कौन‑सी रणनीति अपनानी चाहिए?
छोटे डेज़ी (8‑10 ग्राम) में खरीदना, 22‑कैरट प्रीमियम कम रखता है, जबकि दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए 24‑कैरट को पोर्टफोलियो में शामिल करना उचित है। चांदी को अतिरिक्त हेज के रूप में जोड़ना भी फायदे‑मंद हो सकता है।
दुर्गा पूजा से आगे कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?
दुर्गा पूजा के बाद, यदि बाजार में कोई बड़ा आर्थिक शॉक नहीं आता, तो दीपावली की खरीदारी के साथ कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। हालांकि, यदि अंतरराष्ट्रीय ब्याज दरें बढ़ती हैं या डॉलर मजबूत होता है, तो कीमतों में गिरावट की सम्भावना भी बनी रहती है।