सोना हमेशा से भारतीय बचत का भरोसेमंद विकल्प रहा है। लेकिन आजकल कीमतों में उतार-चढ़ाव देखते‑देखते कई लोग उलझन में पड़ते हैं कि कब खरीदा जाए, कैसे रखा जाए और कब बेचा जाए। इस लेख में हम यही सब बातों को सीधा‑सादा तरीके से समझेंगे, ताकि आप बिना झंझट के सही फैसला ले सकें।
सोना की दर पूरे दिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ट्रेड होने वाले मूल्य पर आधारित होती है। अगर आप दिल्ली या मुंबई के स्थानीय दाम देखते हैं, तो उसमें कर, बनावट (गुनी या शुद्ध) और मार्जिन जोड़े जाते हैं। सरल शब्दों में, जब अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़ती है, तो हमारे यहाँ भी वही असर दिखता है। इसलिए सोने की कीमत को ट्रैक करने के लिए रॉयल मिंट या इंडियन बैंकों के लाइव रेट देखना सबसे भरोसेमंद तरीका है।
सोना कई कारणों से निवेशकों को आकर्षित करता है:
ध्यान रखें, सोना लिक्विडिटी (तेज़ी से नकद में बदलना) देता है, लेकिन निकट भविष्य में बड़े रिटर्न की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। लंबी अवधि में ही उसके मूल्य में स्थिर वृद्धि मिलती है।
1. **शुद्धता** – 24 केरेट (999.9) सबसे शुद्ध माना जाता है। 22 केरेट (916) आमतौर पर जेवरात में मिलता है पर उस में थोड़ी कम शुद्धता होती है।
2. **बनावट** – बार और सिक्के में फिंगर प्रिंट नहीं होते, इसलिए वे सस्ते और भरोसेमंद होते हैं। गहनों में बनावट के साथ डिज़ाइन और धातु की लागत दोनों शामिल होती है।
3. **प्रमाणीकरण** – RBI या NBFC द्वारा जारी बेज़ल (बॉक्स) वाले सोने को चुनें। इससे आपको असली होने की पुष्टि मिलती है।
4. **डिलिवरी मोड** – यदि आप बार या सिक्का खरीद रहे हैं तो डिजिटल वॉल्ट या बैंक में रखवाना बेहतर है। घर में रखने से सुरक्षा का जोखिम बढ़ जाता है।
बेचने का बेहतरीन समय तब होता है जब बाजार में बड़ी गिरावट या भू‑राजनीतिक तनाव के कारण सोने की कीमत ऊपर जाती है। साथ ही, साल के आख़िरी महीने (जैसे दशहरा, दिवाली) में खरीद‑बिक्री की एक्टिविटी बढ़ती है, इसलिए कीमतें थोड़ा ऊँची रह सकती हैं। लेकिन याद रखें, छोटी‑छोटी उतार‑चढ़ाव पर जल्दी‑जल्दी बेचने से नुकसान हो सकता है।
भौतिक सोना रखने के दो मुख्य विकल्प हैं:
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जैसे गोल्ड ETFs भी बढ़ रहे हैं। ये आपको वास्तव में सोना खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती, फिर भी आप उसके दाम के बदलाव से फायदा उठा सकते हैं।
संक्षेप में, सोने में निवेश करने से पहले कीमत, शुद्धता, बनावट और सुरक्षा को समझना जरूरी है। सही टाइम पर खरीदें, सुरक्षित रखें और जब कीमत सही हो तो बेचें – यही आपका सोना प्लान बनता है। आशा है अब आप सोने को लेकर सहज महसूस करेंगे और अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से पा सकेंगे।
टाटा म्यूचुअल फंड ने 50:50 सोना‑चाँदी आवंटन सुझाया, चाँदी की कीमत जन‑सेप्टेम्बर 2025 में 61 % बढ़ी, सिल्वर ETF ने 84 % से अधिक रिटर्न दिया।
और देखें30 सितंबर 2025 को सोने की कीमत ₹1.16 लाख/10 ग्राम पार, मुंबई में 24‑कैरट ₹11,719/ग्राम, IBJA और AngelOne की रिपोर्ट के अनुसार। चांदी भी बढ़ी, दशहरा खरीदारियों ने गति बढ़ाई।
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