2025 का पहला तिमाही खत्म हो रहा है, और टेक इंडस्ट्री अभी भी एक भूचाल के बीच है। Intel ने 24,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, Amazon ने अक्टूबर में 14,000 को नोटिस भेजा, और IBM अभी भी अपनी तिमाही के दौरान हजारों कर्मचारियों की कटौती की योजना बना रहा है। इन तीनों कंपनियों के अलावा, दुनिया भर की 218 टेक कंपनियों ने अब तक 1,12,732 से अधिक नौकरियां मिटा दी हैं — ये आंकड़ा सिर्फ एक साल में नहीं, बल्कि केवल पहले तीन महीनों में जमा हो गया है। ये कटौतियां कोई अचानक घटना नहीं हैं। ये एक गहरी, जानबूझकर की गई रणनीति है — और इसका नाम है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
क्यों बदल रहा है टेक वर्कफोर्स?
2020-2022 के बीच, टेक कंपनियां तेजी से बढ़ीं। कोविड के कारण डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन तेज हुआ, और हर कंपनी ने अपने टीम में लोग भर दिए। लेकिन 2023 के बाद से, बाजार ने बदलाव की आवाज उठाई। ग्रोथ धीमी पड़ गई, मुनाफा कम हुआ, और शेयरधारकों ने पूछना शुरू कर दिया — ‘ये सब खर्च क्यों?’ तब एआई ने अपना दरवाजा खोल दिया।
ये नहीं कि कंपनियां सिर्फ एआई से काम करवा रही हैं। वे अपने पूरे वर्कफ्लो को फिर से डिज़ाइन कर रही हैं। L1 कस्टमर सपोर्ट, रूटीन QA टेस्टिंग, इंटरनल रिपोर्टिंग, बेसिक एनालिटिक्स — ये सब अब एआई एजेंट्स कर रहे हैं। एक टेक एक्सपर्ट ने मुझे बताया: ‘अब इंसानों की जगह नीचे नहीं, बल्कि ऊपर और बाहर है।’
ऊपर की ओर और नीचे की ओर: नौकरियों का नया नक्शा
अब जो लोग बच रहे हैं, वे दो नए रोल में आ गए हैं। एक तरफ — ऊपर की ओर (Upstream): सिस्टम डिजाइन करना, डेटा क्यूरेशन करना, एआई को ट्रेन करना, रिक्वायरमेंट्स तय करना। दूसरी तरफ — नीचे की ओर (Downstream): एआई के आउटपुट की वैलिडेशन करना, सुरक्षा और कंप्लायंस चेक करना, एल्गोरिदम की बायस को पहचानना।
यानी — जो लोग सिर्फ ईमेल जवाब देते थे, उनकी जगह अब AI ले रहा है। लेकिन जो लोग एआई को बता रहे थे कि क्या जवाब देना है, वे अब जरूरी हैं। इसलिए नौकरियां कम हो रही हैं, लेकिन जो बची हैं, वे बहुत तकनीकी हैं। एक इंडस्ट्री एनालिस्ट ने कहा: ‘अब आपको एआई के साथ काम करना आता होगा, न कि बस एक कंप्यूटर चलाना।’
Intel, Amazon और IBM: तीन बड़े नाम, एक ही रणनीति
Pat Gelsinger के नेतृत्व में Intel ने अपने ग्लोबल वर्कफोर्स का 22% काट दिया। ये निर्णय उस समय लिया गया, जब उनके प्रतिद्वंद्वी Nvidia और AMD एआई चिप्स में बेहद आगे निकल चुके थे।
Andy Jassy के नेतृत्व में Amazon ने अपने AWS, HR और कॉर्पोरेट यूनिट्स में बड़ी कटौती की। उन्होंने कहा — ‘हमारे मैनेजमेंट लेयर्स बहुत घने हो गए हैं।’ ये नहीं कि वे लोगों को निकाल रहे हैं। वे बहुत सारे बीच के मैनेजर्स को हटा रहे हैं — जिनका काम अब ऑटोमेटेड प्लेटफॉर्म कर रहे हैं।
Arvind Krishna के नेतृत्व में IBM ने अपने क्लाउड सॉफ्टवेयर सेगमेंट में ग्रोथ धीमी देखी। इसलिए वे अब अपने 2.7 लाख कर्मचारियों में से हजारों को निकालने की तैयारी कर रहे हैं। ये एक बड़ा संकट नहीं, बल्कि एक बड़ा रीसेट है।
भारतीय टेक कंपनियों की स्थिति: धीमी लेकिन दिशा साफ
भारत की Infosys, Wipro और Tech Mahindra ने भी सामूहिक रूप से 10,000 से अधिक पद हटा दिए हैं। लेकिन यहां एक अंतर है — ये कंपनियां अभी तक बड़े पैमाने पर नहीं काट रहीं। वे अपने बाहरी विकास केंद्रों (जैसे अमेरिका और यूरोप) में नौकरियां कम कर रही हैं। भारत में अभी भी बहुत सारे टेक जॉब्स बने हुए हैं।
लेकिन ये बदल रहा है। जो कंपनियां अब नौकरी दे रही हैं, वे सिर्फ उन्हें ही ले रही हैं जिन्होंने एआई टूल्स का इस्तेमाल किया है। एक रिक्रूटर ने मुझे बताया: ‘अब रिज्यूमे में बस ‘एक्सपीरियंस’ नहीं, बल्कि ‘एआई-एनेबल्ड प्रोजेक्ट्स’ दिखाने वाले लोग ही चुने जा रहे हैं।’
क्या ये बदलाव स्थायी होगा?
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि ये सिर्फ एक चक्र है। लेकिन ज्यादातर कहते हैं — नहीं, ये एक रीसेट है। टेक इंडस्ट्री अब उस तरह नहीं बढ़ेगी जैसे 2021 में बढ़ी। विकास की गति धीमी होगी, लेकिन गुणवत्ता बढ़ेगी।
कंपनियां अब सिर्फ ‘कितने लोग’ के बारे में नहीं सोच रहीं। वे सोच रहीं हैं — ‘कितने लोग जिनके पास सही स्किल्स हैं?’ इसलिए अगले 12 महीनों में जो नौकरियां आएंगी, वे ज्यादा तकनीकी, ज्यादा जिम्मेदार और ज्यादा अच्छी तरह भुगतान वाली होंगी। लेकिन वे कम होंगी।
आगे क्या होगा?
अगले तीन महीनों में और कंपनियां छंटनी कर सकती हैं। जो टेक स्टार्टअप्स अभी तक बचे हैं, वे अब फंडिंग के लिए दबाव में हैं। जो लोग अभी भी टेक में नौकरी ढूंढ रहे हैं, उन्हें अब एआई स्किल्स सीखने की जरूरत है। बस कंप्यूटर चलाना नहीं, बल्कि एआई को कंट्रोल करना सीखना होगा।
एक बात स्पष्ट है — टेक इंडस्ट्री का दौर बदल गया है। ये अब बस टेक नहीं, बल्कि ‘एआई-एनेबल्ड टेक’ है। और जो लोग इस बदलाव को समझ गए, वे अगली लहर में तैरेंगे। जो नहीं समझे, वे बह जाएंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
2025 में टेक इंडस्ट्री में कितनी नौकरियां गायब हुई हैं?
2025 के पहले तीन महीनों में दुनिया भर की 218 टेक कंपनियों ने 1,12,732 से अधिक नौकरियां काट दी हैं। इसमें Intel की 24,000, Amazon की 14,000 और IBM की हजारों कटौतियां शामिल हैं। ये आंकड़ा 2024 की पूरी सालाना छंटनी से भी ज्यादा है।
क्यों एआई नौकरियां खत्म कर रहा है?
एआई सिर्फ एक टूल नहीं, बल्कि एक नया वर्कफ्लो है। अब L1 कस्टमर सपोर्ट, QA टेस्टिंग, रिपोर्टिंग जैसे रूटीन काम एआई एजेंट्स कर रहे हैं। इसलिए इन कार्यों के लिए इंसानों की जरूरत नहीं। लेकिन एआई को ट्रेन करने, डेटा क्यूरेट करने और सुरक्षा चेक करने के लिए नए तकनीकी पद बन रहे हैं।
भारतीय टेक कंपनियों में नौकरियां कम हो रही हैं?
हां, Infosys, Wipro और Tech Mahindra ने सामूहिक रूप से 10,000 से अधिक पद हटा दिए हैं, लेकिन ज्यादातर नौकरियां उनके विदेशी केंद्रों में कटी हैं। भारत में अभी भी नौकरियां बनी हुई हैं, लेकिन अब वे बहुत तकनीकी हैं — एआई, क्लाउड और साइबर सुरक्षा में विशेषज्ञता वाले लोगों के लिए।
अगले वर्ष टेक जॉब्स के लिए क्या स्किल्स जरूरी होंगे?
अब सिर्फ प्रोग्रामिंग नहीं, बल्कि एआई टूल्स (जैसे Copilot, Claude, Gemini) का इस्तेमाल, डेटा क्यूरेशन, एल्गोरिदम ऑडिटिंग, और कंप्लायंस मैनेजमेंट जरूरी है। जो लोग एआई के साथ काम करना सीखेंगे, उन्हें ही नौकरियां मिलेंगी। बस कंप्यूटर चलाने वाले लोगों की जगह अब नहीं है।
क्या ये छंटनी अभी खत्म हो चुकी है?
नहीं। अगले 6-9 महीनों में और कंपनियां अपने खर्च को संतुलित करने के लिए छंटनी कर सकती हैं, खासकर स्टार्टअप्स। जो कंपनियां अभी तक बची हैं, वे भी अब फंडिंग के दबाव में हैं। नौकरियों का बड़ा बदलाव अभी शुरू हुआ है।
क्या ये बदलाव आम लोगों के लिए खतरनाक है?
हां, अगर आप रूटीन टेक्निकल काम करते हैं और नई तकनीक सीखने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन अगर आप अपनी स्किल्स अपग्रेड करते हैं — एआई, डेटा, सुरक्षा में — तो ये बदलाव आपके लिए अवसर बन सकता है। ये बदलाव नौकरियों को खत्म नहीं कर रहा, बल्कि उन्हें बदल रहा है।